हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (14 मई 2021 शुक्रवार ) को अक्षय तृतीया कहा जाता है, अक्षय तृतीया पर माँ लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व होता है इसी करण इनकी पूजा आज के दिन विशेषकर की जाती है, भगवान परशुराम जी का पूजन भी इस दिन किया जाता है और मान्यता यह भी है के इसी दिन उनका जन्म हुआ था, अक्षय तृतीया की तिथि को बहुत ही शुभ माना गया है,
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त:- पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया 14 मई शुक्रवार को पूजा का मुहूर्त सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा, तृतीया तिथि का समापन 15 मई 2021 की सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर होगा।
अक्षय तृतीया पूजा का महत्व:- अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिससे जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है, इसके साथ ही सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, व्यक्ति निरोगी होता है ।अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है, इसलिए इसको परशुराम जयंती के नाम से भी पुकारा जाता है
अक्षय तृतीया से जुड़ा कुछ और ज्ञान:-
- सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ अक्षय तृतीया से ही माना जाता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर ही द्वापर युग का समापन हुआ था।
- परशुराम जी को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना गया है।
- यह दिन इतना शुभ होता है के इस दिन बिना पंचांग के भी कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है
- इस दिन किया गया दान पुण्य का फल 100 गुना मिलता है। इस लिए इस तिथि में ज्यादा से ज्यादा दान जरूर करे।
- इस दिन स्वर्ण खरीदना भी शुभ माना गया है